त्रिफला के फायदे और नुकसान

त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है जो तीन फलों से बनी होती है: आंवला (अमलकी), बहेड़ा (बिभीतक), और हरड़ (हरितकी). आयुर्वेद में, त्रिफला को तीनों दोषों - वात, पित्त और कफ को संतुलित करने के लिए जाना जाता है।
यह वजन कम करने में बहुत मददगार है। आपको कोई मुश्किल डाइट या एक्सरसाइज किए बिना अगर वजन घटाना है तो उसके लिए त्रिफला एक बहुत अच्छा विकल्प है। अधिकतर संसोधित और पैक किए जाने वाले खाद्य पदार्थ को पचाना मुश्किल होता है और वे पाचन तंत्र में मूल रूप से निचले आंत के कुछ हिस्सोंमें फंस जाते हैं और पाचन तंत्र के काम करने की क्षमता को कम कर देते हैं। इसलिए अगर आपके पाचन तंत्र में समस्या है जिसकी वजह से आप अक्सर भूखा महसूस करते हैं और अधिक खाते हैं, तो यह आपके वजन बढ़ने का मुख्य कारण हो सकता है। त्रिफला आपकी शरीर में बड़ी आंत के एक अंग, कॉलन के लिए फायदेमंद होता है। त्रिफ़ला कॉलन के ऊतकों को मजबूत करता है और उसे साफ़ रखता है जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
यह मिश्रण आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को आसानी से निकलने में मदद करता है। और इन्ही वजहों के कारण यह अतिरिक्त फैट और मोटापे को कम करने में मदद करता है। यह चयापचय को ठीक करता है और अधिक वजन घटाने में मददगार है। यह पाचन और भूख को बढ़ाने, लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने और शरीर में फ़ालतू के फेट की मात्रा को कम करने में सहायक होता है। त्रिफला को चाय या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है। त्रिफला काढ़े में शहद मिलाकर पीने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
त्रिफला चूर्ण के फायदे हैं आँखो के लिए गुणकारी
यह कई आंखों की बीमारियों और आंखों के दृष्टि में सुधार के लिए भी फायदेमंद है। यह आंख की मांसपेशियों को मजबूत करता है और ग्लूकोमा, मोतियाबिंद के शुरुआती चरणों और आँख आने जैसी बीमारियों का भी इलाज करता है। तांबे के लोटे या मिट्टी के पात्र में पानी भर उसमें 2 चम्मच त्रिफला चूर्ण रात के समय भिगोकर रख दें। सुबह कपड़े से छानकार उस पानी से आँखो को धोएं। यह आँखो के लिए बहुत ही लाभप्रद होता है। इससे आँखें स्वस्थ रहती है।
इसक उपयोग से आँखो की जलन, लालिमा आदि तकलीफ़ भी दूर होती है। गाय का घी और शहद के मिश्रण के साथ त्रिफला का सेवन आँखो के लिए वरदान स्वरूप है। इसके अलावा, एक चम्मच त्रिफला को एक गिलास पानी में 10-15 मिनट तक उबाल का काढा बना लें। इस काढ़े को अच्छी तरह से छान कर आँखों को धोने के लिए प्रयोग करें।
त्रिफला लेने के फायदे त्वचा के लिए
त्रिफला चूर्ण कई त्वचा से संबंधित समस्याओं का इलाज कर सकता है और त्वचा में प्राकृतिक चमक भी लाता है। यह मृत कोशिकाओं को हटा है, छिद्रों को साफ करता है और आपके रक्त को भी साफ करता है जिससे आपके चेहरे पर एक प्राकृतिक चमक आती है। आप इससे त्वचा के चकत्ते, किसी भीप्रकार केनिशान, मुँहासे या सनबर्न का इलाज करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
त्रिफला अपने रक्तशोधक गुण के कारण त्वचा के लिए बहुत ही लाभप्रद है। यह त्वचा की रंगत को निखारता है। यह त्वचा से दूषित पदार्थों (detoxifies ) को हटाता है तथा इसमें आंवला होने के कारण यह कोलेजन (collagen) के निर्माण में भी सहायता करता है। बहेड़ा स्किन पिगमेनटेशन में सहयोग करता है। शहद के साथ इसका इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधित रोग दूर हो जाते हैं।
विटामिन C की अधिकता के कारण यह त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारता है। विटामिन सी, त्वचा पर झुर्रियां (skin wrinkling) रोकने में वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है। यह त्वचा के रूखेपन को भी दूर करता है।
त्रिफला के गुण करें कब्ज को दूर
यह जड़ी बूटी अपनी जीवाणुरोधी गुणों के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है जिसके कारण यह शरीर में चयापचय को सही करता है और पाचन तंत्र को आसान बनाता है। जिससे आप आसानी से अपने शरीर से मल त्याग पाते है।
त्रिफला पाउडर के कईस्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह पाचन तंत्र की कोई समस्या जैसे कब्ज और मल त्यागने में कठिनाई आदि को ठीक कर सकता है।
पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या के लिएगर्म पानी के गिलास में एक चम्मच त्रिफला पाउडर मिलाकर पीएं और जब तक आपको अच्छे नतीजे न मिल जाए तब तक अपने भोजन के बाद इसे लें।
यह एक आयुर्वेदिक औषधि है। जिसका विशेष उपयोग कब्ज दूर करने के लिए किया जाता है। रात्रि को सोने से पूर्व 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ लेने से कब्ज दूर होती है। कब्ज दूर करने के लिए दो चम्मच इसबगोल के साथ त्रिफला चूर्ण मिलाकर गुनगुने पानी से लेना अच्छा रहता है।
त्रिफला के लाभ रखें दाँतों को मजबूत
त्रिफला आपको दांतों की समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें एंटी-इन्फ्लेमेट्री और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। तो आप इससे दांतो पर मेेल आना, दांतो में कीड़े लगना, मसूड़ों की सूजन, और मसूड़े से खून आने जैसी समस्याओं से बच सकते हैं ।
यदि आपके बच्चे, दांतों की समस्या से ग्रस्त हैं तो आप इसे उन के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। त्रिफला को रात भर पानी में भिगोकर रखें। सुबह मंजन के बाद इस पानी को मुँह में कुछ देर तक भरकर रखें। थोड़ी देर बाद निकाल दें। इससे दाँत और मसूड़े बुढ़ापे तक मजबूत रहते है। इससे मुँह की दुर्गंध और छाले भी बिल्कुल ठीक हो जाते हैं।
शहद के साथ आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण को मिलाकर इसे चाटने से आप सांस में से आने वाली बदबू से बच सकते हैं। या फिर आप हल्के गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर, उस पानी से गरारे भी कर सकते हैं।
त्रिफला से बालों के लिए लाभ प्राप्त करें
त्रिफला बालों के झड़ने, बालों का पतला होना और गंजेपन के लिए अच्छा है। इसमें ऐसे तत्व हैं जो आपके बालों के रोम के अंदर असर करके आपके बालों का विकास कर सकते हैं। बालों के विकास के लिए त्रिफला के दो कैप्सूल का उपभोग करें। इसके अलावा, सप्ताह में दो बार मालिश करने के लिए त्रिफला तेल का उपयोग करें।
त्रिफला अपने रक्तशोधक गुणों के कारण बालों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। विटामिन C की अधिक मात्रा होनेके कारण यह बालों के स्वास्थ्य को भी सुधारता है। आंवला होने के कारण, त्रिफला बालों को काला रखने में भी सहयोगी है। इसके लिए त्रिफला के पेस्ट को बालों में लगा लें और आधे घंटे बाद बालों को धो लें। ऐसा करने से बाल मजबूत होते हैं और पकते भी नहीं है। बालों को झड़ने से रोकने के लिए त्रिफला को 2-3 ग्राम की मात्रा में लें। साथ में 125mg लौह भस्म या आयरन की गोली भी लें।
पाचन तंत्र मजबूत करे त्रिफला चूर्ण
त्रिफला पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ साथ आँतों की सफाई भी करता है। यह शरीर से गंदगी को डिटॉक्स करता है। यह एक विरेचक (laxative) है जो की मल को निकालने में मदद करता है। यह आंव पाचक है और शरीर से आंवदोष (ama pachana) को भी हटाता है। आयुर्वेद में आम दोष को सभी प्रकार के रोगों का कारण माना गया है। जब शरीर में पाचन सही नहीं होतातब बिना पचे पदार्थ शरीर में पड़े रहने पर सड़ने लगते हैं जिसे आम कहा जाता है।
आम दोष (ama Dosha) का संचय, वात दोष का प्रकोप होने पर शरीर के जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन देता है। इस चूर्ण के सेवन से इन सब में आराम मिलता है।
त्रिफला के अन्य फायदे -
- त्रिफला चूर्ण 5-5 ग्राम लेने से दाद, खाज, खुजलीऔर चर्म रोग में लाभ पहुँचता है।
- त्रिफला के काढ़े से घाव धोने से एलोपैथिक-ऐन्टसिप्टिक की ज़रूरत नहीं होती है। घाव जल्दी भर जाता है।
- यह शरीर में बढे हुए पित्त, कफ और वायु को कम करता है।
- यह अल्सर को ठीक करने में प्रभावी है।
- यह बुरे कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
- डायबिटीज और हृदय रोगों में इसे नियमित लेना चाहिए। इससे इन रोगों में जटिलताएं कम होती हैं।
- त्रिफला का सेवन शरीर में वात, पित्त और कफ तीनो को संतुलित करता है। यह मलेरिया के बुखार/ विषम ज्वर में भी लाभप्रद है।
- डेंगूमें हेमरेज / रक्तस्राव को रोकने के लिए भी त्रिफला लाभदायक है।
- आधा चम्मच त्रिफला सोने से पहले लें। यह इम्युनिटी को बढ़ाता है और एलर्जी, कफ कंजेशन को कम करता है।
- वात के कारण सिर के दर्द में त्रिफला का आधा छोटा चम्मच लेना बहुत लाभकारी होता है।
- पेशाब के इन्फेक्शन (UTI) में त्रिफला को घी, शहद, गर्म पानी के साथ लिया जाता है। पीलियामें त्रिफला, गिलोय, नीम छाल, वासा, चिरायता, कुटकी को बराबर मात्रा में मिलाकर पानी में उबाल कर काढ़ा बना कर दिन में दो बार पीने से लाभ होता है।
त्रिफला के नुकसान -
- इसको प्रेगनेंसी और स्तनपान के दौरान इस्तेमाल न करें।
- कुछ लोगों में त्रिफला मूत्रल गुण दिखाता है। वे लोग रात में इसे न लें क्योंकि यह आपकी नींद को खराब कर सकता है।
- कुछ लोगों में इसका सेवन ज्यादा नींद लाता है।
- 6 साल से छोटे बच्चों को त्रिफला न दें।
- लम्बे समय तक लेने के लिए इसे कम मात्रा में और छोटी अवधि के लिए ज्यादा मात्रा में लिया जा सकता है
- त्रिफला को अत्यधिक मात्रा में लेने से दस्त लग सकते हैं।
- अगर दस्त लम्बे समय तक हो जाएं तो पानी की कमी हो सकती है और साथ ही ये कोलन की माँसपेशियों पर प्रभाव डालता है जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- आपको इसकी वजह सेसोने में भी परेशानी का सामना करना पड़सकता है लेकिन ये त्रिफला लेने की मात्रा पर निर्भर करता है।
- इस की वजह से आपको ब्लड शुगरकी समस्या भी हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल की मात्राभी कम-ज़्यादा हो सकती है। यह दुष्प्रभाव दिल की बीमारियों वाले लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है।
- त्रिफला कोकुछ अंग्रेजीदवाओं के साथ लेने सेदवा की वजह से होने वाली रिएक्शनसंभावित रूप से हानिकारक स्वास्थ्य परिस्थितियों का कारण बन सकती हैं। त्रिफलालेने से पहले एक विशेषज्ञ से परामर्श लेनेकीहमेशा सलाह दी जाती है।
- यद्यपि त्रिफला एक मूल्यवान हर्बल फॉर्मूला है जो कई स्वास्थ्य विकारों को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है, लेकिन आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के उचित मार्गदर्शन और सलाह के बादही इसका उपयोग करें।
त्रिफला लेने के नियम –
सुबह अगर त्रिफला लेते हैं तो उसे पोषक कहते हैं क्योंकि सुबह इसका सेवन शरीर को पोषण देता है जैसे शरीर में विटामिन, लौह, कैल्शियम आदि की कमी को पूरा करता है। सुबह के समय इसका सेवन गुड़ के साथ भी कर सकते हैं।
रात में इसे लेते है तो उसे रोचक कहते हैं क्योंकि रात को त्रिफला लेने से पेट की सफाई तथा कब्ज इत्यादि का निवारण होता है। रात में इसे गर्म दूध के साथ लेना चाहिए।इसे फांक के / पानी के साथ मिलाकर / पानी में रात में भिगोकर और सुबह छानकरकर या काढ़ा बनाकार पिया जा सकता है।
त्रिफला की तासीर -
अगर बात त्रिफला की तासीर की करें, तो यह आम-तौर पर गर्म होता है जिसकी वजह से इसका अत्यधिक सेवन करने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। खासतौर पर गर्भावस्था में इसके उपयोग से कई दिक्कतें हो सकती हैं जैसे घबराहट, पेचिस और भी अन्य समस्याएँ।