मंगल का धनु राशि में गोचर : 7 दिसम्बर 2025

मंगल का धनु राशि में गोचर : 7 दिसम्बर 2025

7 दिसम्बर 2025 को अग्नि तत्व के ग्रह मंगल अग्नि प्रधान धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यह एक ऊर्जावान, तीक्ष्ण निर्णय शक्ति देने वाला, साहस बढ़ाने वाला गोचर माना जाता है। धनु गुरु की राशि है — यहाँ मंगल की ऊर्जा ज्ञान, विस्तार, आध्यात्मिकता, न्याय, जोखिम लेने की क्षमता और नई दिशाओं में प्रगति के रूप में उभरती है।
इस समय लोग अपने लक्ष्य को पाने के लिए अधिक दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कार्य करेंगे। विदेश से जुड़े कार्य, प्रतियोगी परीक्षा, कानूनी मामलों, आध्यात्मिक यात्रा, उच्च शिक्षा और प्रशासनिक क्षेत्रों में तेज़ प्रगति देखी जा सकती है।
हालाँकि अत्यधिक उत्तेजना, जल्दबाज़ी, वाणी में तीक्षणता, विवादों और अनावश्यक साहस से बचना होगा।

सभी 12 राशियों पर मंगल गोचर का प्रभाव 

मेष राशि – नवा भाव (भाग्य एवं यात्रा)

मंगल आपके स्वामी होकर भाग्य भाव में गोचर करेंगे। यह समय आपको नई ऊर्जा, उत्साह और बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रेरणा देगा। विदेश यात्रा, धर्म-कर्म, उच्च शिक्षा, और प्रशासनिक क्षेत्रों में बड़ा अवसर मिल सकता है। भाग्य का प्रबल सहयोग मिलेगा और अटके हुए काम तेजी से गति पकड़ेंगे। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा, लेकिन पिता के साथ विचार भिन्नता हो सकती है।
धन की दृष्टि से समय शुभ है, परंतु निवेश सोच-समझकर करें। किसी धार्मिक यात्रा, कार्यशाला, या ट्रेनिंग में भाग लेना लाभकारी रहेगा। नौकरी बदलने का विचार भी प्रबल होगा। प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए यह गोचर अत्यंत शुभ है — परिणाम अनुकूल मिलेंगे।
उपाय:

  • मंगल मंत्र “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का 108 बार जप।

  • मंगलवार को हनुमानजी को गुड़-चने का भोग।

  • लाल वस्त्र दान।

वृषभ राशि – आठवा  भाव (परिवर्तन, गुप्त लाभ, स्वास्थ्य)

मंगल का 8वें भाव में गोचर परिवर्तनकारी रहेगा। अचानक लाभ, विरासत, बीमा, टैक्स, पैतृक संपत्ति से जुड़े मामलों में हलचल हो सकती है। स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा — पेट, कमर दर्द, तनाव या दुर्घटना का योग बढ़ सकता है। दाम्पत्य जीवन में वाणी संयम रखें।
अच्छी बात यह है कि यह गोचर आपको आत्म-चिंतन, गहन अध्ययन, शोध, और गुप्त विद्या में प्रगति देगा। अचानक हुए सकारात्मक परिवर्तन आपके जीवन की दिशा बदल सकते हैं। जो लोग सरकारी नौकरी, पुलिस, आयकर, बीमा, चिकित्सा इत्यादि क्षेत्रों में हैं, उनके लिए यह समय प्रगति देने वाला होगा।
उपाय:

  • मंगलवार को मसूर दाल का दान।

  • हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ।

  • वाहन चलाते समय सावधानी।

मिथुन राशि – सातवा भाव (विवाह, साझेदारी, व्यापार)

मंगल का 7वें भाव में गोचर दाम्पत्य और साझेदारी वाले कार्यों में गति लेकर आएगा। जिन जातकों का विवाह अटका हुआ है उनके लिए राहत की संभावना है। जो पहले से विवाहित हैं, उनमें बहस या टकराव बढ़ सकता है। व्यापार में नई साझेदारी बन सकती है, लेकिन जल्दबाज़ी में अनुबंध न करें।
यह समय आपको नेतृत्व क्षमता देगा, जिससे सामाजिक प्रभाव बढ़ेगा। दुश्मनों पर विजय और प्रतिस्पर्धाओं में लाभ मिलेगा। लेकिन क्रोध और कठोर वाणी नुकसान कर सकती है।
उपाय:

  • जीवनसाथी के साथ मधुर व्यवहार।

  • मंगलवार को केले के पेड़ में जल।

  • मंगल यंत्र की स्थापना।

कर्क राशि – छठा भाव (शत्रु, रोग, प्रतियोगिता)

यह अत्यंत शुभ गोचर माना जाता है। 6वें भाव में मंगल शत्रुओं, रुकावटों और रोगों पर विजय दिलाता है। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन का योग और प्रतियोगिता देने वालों को सफलता मिलती है। ऋण चुकाने का अच्छा समय है। कोर्ट केस आपके पक्ष में जा सकते हैं।
हालाँकि खान-पान में गड़बड़ी न करें, वरना पेट संबंधी समस्या संभव है। किसी सहकर्मी के साथ विवाद हो सकता है।
उपाय:

  • हनुमान मंदिर में चमेली का तेल चढ़ाएँ।

  • मंगलवार को रक्तवर्णी पुष्प अर्पित करें।

सिंह राशि – पाँचवा भाव (संतान, प्रेम, बुद्धि)

यह गोचर प्रेम संबंधों, शिक्षा और सृजनात्मकता में उन्नति लाएगा। प्रतियोगी विद्यार्थी, राजनीति, खेल, मीडिया, और पब्लिक लाइफ से जुड़े जातकों को शानदार परिणाम मिलेंगे।
प्रेम संबंध में उत्साह रहेगा परंतु आक्रामक व्यवहार न करें। संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। निवेश में थोड़ी सावधानी रखें।
उपाय:

  • मंगलवार को गुड़ और चने का दान।

  • लाल पुष्प भगवान सूर्य को अर्पित करें।

कन्या राशि – चौथा भाव (घर, वाहन, माता)

मंगल का यह गोचर घरेलू जीवन में सक्रियता और कभी-कभी तनाव भी ला सकता है। घर बदलने, संपत्ति खरीदने, वाहन लेने या मरम्मत कराने का योग मजबूत है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
कार्यक्षेत्र में आपका प्रभाव बढ़ेगा, परंतु सहकर्मियों से मतभेद संभव हैं।
उपाय:

  • घर में मंगलवार को दीपक जलाएँ।

  • माता को लाल वस्त्र भेंट करें।

तुला राशि – तीसरा भाव (साहस, पराक्रम, भाई-बहन)

अत्यंत शुभ गोचर। साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास चरम पर रहेगा। नया व्यवसाय, मार्केटिंग, मीडिया, लेखन, यात्रा, और सार्वजनिक कार्यों में बड़ी सफलता मिलेगी।
छोटी यात्राओं में लाभ होगा और भाई-बहनों से सहयोग मिलेगा।
उपाय:

  • हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करें।

  • मंगलवार को लाल मसूर दान।

वृश्चिक राशि – दूसरा भाव (धन, वाणी, परिवार)

धन वृद्धि के योग परंतु खर्च भी बढ़ेगा। वाणी में कठोरता से नुकसान हो सकता है। पारिवारिक संपत्ति के मामलों में प्रगति होगी।
व्यापार में साहसिक निर्णय लाभ दे सकते हैं।
उपाय:

  • मीठा भोजन मंगलवार को गरीबों को दें।

  • मंगल मंत्र जप।

धनु राशि – पहला भाव (स्वयं, व्यक्तित्व)

मंगल आपके लग्न में आकर आपको अत्यधिक ऊर्जा, निर्णय क्षमता और आकर्षण देगा। नया कार्य शुरू करने, नौकरी बदलने, प्रतियोगिता, खेल, राजनीति, प्रशासन में उन्नति का समय।
लेकिन जल्दबाज़ी और गुस्सा नुकसान कर सकते हैं।
उपाय:

  • ब्रह्ममुहूर्त में हनुमान चालीसा।

  • लाल चंदन का तिलक।

मकर राशि – बारहवा भाव (व्यय, विदेश, आध्यात्मिकता)

विदेश यात्रा, विदेश नौकरी, अस्पताल/चिकित्सा मामलों में प्रगति का समय।
खर्च बढ़ेंगे, नींद कम हो सकती है।
उपाय:

  • हनुमान मंदिर में नारियल चढ़ाएँ।

  • मंगलवार उपवास।

कुंभ राशि – ग्यारहवा भाव (लाभ, अभिलाषाएँ, मित्र)

सबसे शुभ गोचर। आय वृद्धि, नए स्रोत, बड़े लाभ, महत्वपूर्ण लोगों से संपर्क, समाज में प्रतिष्ठा।
सभी रुके हुए कार्य गति पकड़ेंगे।
उपाय:

  • हनुमानजी को लाल पुष्प अर्पित करें।

  • किसी मजदूर को भोजन कराएँ।

मीन राशि – दसवा भाव (कर्म, करियर, पद-प्रतिष्ठा)

करियर में बड़ी उन्नति, प्रमोशन, नए अवसर, सरकारी कार्य में सफलता।
कुछ विरोध होंगे पर आप विजयी होंगे।
उपाय:

  • मंगलवार को चमेली तेल का दीपक।

  • हनुमान चालीसा का पाठ।