हस्त नक्षत्र ज्योतिष रहस्य

आज की हमारी चर्चा का केंद्र हस्तनक्षत्र है। यह आकाश मण्डल में मौजूद तेरहवां नक्षत्र है जो १६०डिग्री से लेकर १७३.२० डिग्री तक गति करता है। हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्रदेव, नक्षत्र देव सूर्य और राशि स्वामी बुद्ध देव हैं। यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर विज़िट कर सकते हैं। आपके प्रश्नों के यथा संभव समाधान के लिए हम वचन बद्धहंर।
हस्तनक्षत्र वैदिक ज्योतिष में
हस्त नक्षत्र पांच तारों से मिलकर बनता है। आकाश मण्डल में इसकी आकृति हाथ के जैसी प्रतीत होती है। हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्र हैं और यह नक्षत्र कन्या राशि में १० डिग्री से २३.२० डिग्री तक गति करता है। इस नक्षत्र के देवता सूर्य हैं। इसलिए हस्तनक्षत्र के जातकों के जीवन पर सूर्य, चंद्र व्बुद्ध का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है।
नक्षत्र स्वामी : चंद्र
नक्षत्र देव : सूर्य
राशि स्वामी : बुद्ध
विंशोत्तरी दशा स्वामी : चंद्र
चरण अक्षर : पू, ष, ण, ढ
वर्ण : वैश्य
गण : देव
योनि : महिष
नाड़ी : आदि
पक्षी : गिद्ध
तत्व : अग्नि
प्रथम चरण : मंगल
द्वितीय चरण : शुक्र
तृतीय चरण : बुद्ध
चतुर्थ चरण : चन्द्रमा
वृक्ष : अरिष्ट ( रीठा, पाढ़ )
बीज मंत्र : ॐ झं अथवा ॐ नयं
हस्त नक्षत्र जातक की कुछ विशेषताएं व जीवन
जीवन की तमाम मुश्किलों के बावजूद (जो की सभी के साथ होती हैं) यदि कोई शक्स आप को मुस्कुराता हुआ मिले तो समझ लीजिये की ये हस्तनक्षत्र का जातक है। अपने आसपास के क्षेत्र में भी सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करते हैं। हस्तनक्षत्र के जातक लम्बे, बलवान शरीर मदद की भावना इन जातकों में भी भरपूर होती है। ये बहुत ईमानदार होते हैं, अनुशासित होते हैं और जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना बड़े धैर्य के साथ करते हैं। सूर्य देव इस नक्षत्र के देवता होते है जिस वजह से यातो ये जातक नौकरी करते नहीं हैं, यदि करते, हैं तो ऊंचे पदों पर आसीन होते हैं। आत्मनिर्भरता इनका प्रमुख गुण होता है जिस वजह से ये अपना इंडिपेंडेंट बिज़नेस करना पसंद करते हैं और अपनी मेहनत व्डेडिकेशन केबल पर आगे बढ़ जाते हैं। गैर वाजिब काम करना इन्हें बिलकुल पसंद नहीं होता। राशि स्वामी बुद्ध हैं जिस वजह से इनकी कम्युनिकेशन स्किल बहुत अच्छी होती है और इनसे बहुत से लोग सलाह मशवरा भी करते हैं। चन्द्रमा नक्षत्र के स्वामी हैं जिस कारण ये दूसरों के भावों को आसानी से समझ लेते हैं और उनकी समस्या ओँका निराकरण भी करते हैं।
हस्तनक्षत्र में उत्पन्न जातिकाएँ सुन्दर, सुशील, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने वाली होती हैं। ऐसी जातिकाओं का वैवाहिक जीवन अच्छा ही रहता है। इनकी अभिव्यक्ति की वजह से इन्हें समाज की उपेक्षा का शिकार भी होना पड़ता है। यदि ये जातिकाएँ मूलनक्षत्र में आ जाएँ तो इनको विवाह की सलाह नहीं दी जाती थी क्यूंकि ये बुद्धिमान होती हैं, तार्किक होती हैं और किसी भी तर्क के मूल तक जाने की क्षमता रखती हैं। मेलडोमिनेटेड सोसाइटी में ऐसी जातिकाओं की प्रतिभा ही इनकी दुश्मन बन जाती है और घर में वाद विवाद के चलते क्लेश की स्थिति पैदा हो जाती है। अलगाव हो जाता है।
हस्तनक्षत्र के जातक/ जातिका की मैरिड लाइफ
इस नक्षत्र में जन्मे जातकों की मैरिड लाइफ अधिकतर अच्छी ही रहती है। अमूमन इस नक्षत्र की जातिकाओं का वैवाहिक जीवन भी अच्छा ही रहता है, परन्तु यदि ये जातिकाएँ मूल नक्षत्र में आ जाएँ तो इनको विवाह की सलाह नहीं दी जाती थी क्यूंकि ये बुद्धिमान होती है तार्किक होती हैं और किसी भी तर्क के मूल तक जाने की क्षमता रखती हैं। मेलडोमिनेटेड सोसाइटी में ऐसी जातिकाओं की प्रतिभा ही इनकी दुश्मन बन जाती है और घर में वाद विवाद के चलते क्लेश की स्थिति पैदा हो जाती है।
हस्तनक्षत्र जातक का स्वास्थ्य
वायु से सम्बंधित रोग से सावधान रहें। आपको वायु पीड़ा, ज्वर अथवा मति भ्रम होने की संभावना अक्सर रहती है। रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रति कारक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होतीहै।
हस्तनक्षत्र जातक शिक्षा व्व्यवसाय
ऐसे जातक आदिकांश्तया अपना व्यवसाय करते हैं। यदि नौकरी करें तो उच्चपदासीन होते हैं। इनकी कम्युनिकेशन स्किल बहुत उन्नत होती है तो कंसल्टेंसी से सम्बंधित जॉब या व्यवसाय कर सकते हैं। औषधि से सम्बंधित व्यवसाय भी करते हैं।