18 पुराणों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय

18 पुराणों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय

1. ब्रह्म पुराण
यह सभी पुराणों में प्रथम है। इसमें सृष्टि, प्रजापति, देवता, असुरों की उत्पत्ति, राम और कृष्ण चरित्र, लोकों का वर्णन, योग और सांख्य सिद्धांत आदि वर्णित हैं।
श्लोक – 10,000

2. पद्म पुराण
पाँच खंडों में विभक्त यह पुराण सृष्टि, तीर्थों, व्रतों, राम और कृष्ण चरित्र, एकादशी माहात्म्य आदि का विस्तार से वर्णन करता है।
श्लोक – 55,000

3. विष्णु पुराण
इसमें भगवान विष्णु की लीलाएँ, अवतार, धर्म, श्राद्ध, वर्णाश्रम, प्रलय, पुराणों की महिमा तथा कृष्ण लीला आदि हैं।
श्लोक – 23,000

4. वायु पुराण
मुख्यतः शिव संबंधी यह पुराण है। इसमें धर्म, तीर्थ, नर्मदा महिमा, वंशवृत्तांत, शिव संहिता का उल्लेख है।
श्लोक – 24,000

5. भागवत पुराण
भगवान श्रीकृष्ण की पूर्ण लीलाओं से युक्त यह पुराण भक्ति मार्ग का श्रेष्ठ ग्रंथ है। १२ स्कंधों में विभक्त है।
श्लोक – 18,000

6. नारद पुराण
यह पुराण वेदांग, श्राद्ध, तीर्थ, व्रत, धर्म, योग, गीता और भक्ति मार्ग का प्रतिपादन करता है।
श्लोक – 25,000

7. मार्कण्डेय पुराण
इसमें दुर्गा सप्तशती, यक्ष सृष्टि, नरक, धर्म, राम और कृष्ण की लीलाएँ वर्णित हैं।
श्लोक – 9,000

8. अग्नि पुराण
अग्नि देव द्वारा वशिष्ठ को उपदेशित यह पुराण मूर्ति पूजा, ज्योतिष, वास्तु, युद्धनीति, चिकित्सा आदि का वर्णन करता है।
श्लोक – 15,000

9. भविष्य पुराण
यह पाँच पर्वों में विभक्त है। इसमें ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य उपासना, भविष्यवाणियाँ व धर्म ग्रंथों की प्रशंसा है।
श्लोक – 14,000

10. ब्रह्मवैवर्त पुराण
चार खंडों में विभक्त यह पुराण श्रीकृष्ण की रासलीला, गणेश, लक्ष्मी, शिव और पार्वती की कथाओं से युक्त है।
श्लोक – 18,000

11. लिङ्ग पुराण
भगवान शिव की उपासना, लिंग महात्म्य, दक्ष यज्ञ, पार्वती विवाह, शिव तांडव आदि का वर्णन करता है।
श्लोक – 11,000

12. वाराह पुराण
भगवान वाराह और पृथ्वी संवाद, तीर्थ महात्म्य, श्राद्ध विधि, यमलोक वर्णन, व्रत कथाएँ प्रमुख हैं।
श्लोक – 24,000

13. स्कन्द पुराण
यह सबसे बड़ा पुराण है। इसमें शिव महिमा, तीर्थों की महिमा, एकादशी, व्रत, राम और कृष्ण चरित्र, काशी महात्म्य आदि हैं।
श्लोक – 81,000

14. वामन पुराण
कूर्मकल्प पर आधारित यह पुराण विष्णु के वामन अवतार, दुर्गा चरित्र, दक्ष यज्ञ, तीर्थ और शिवचरित्र आदि को वर्णित करता है।
श्लोक – 10,000

15. कूर्म पुराण
चार संहिताओं में विभक्त यह पुराण श्रीहरि के कूर्म रूप में उपदेश सहित वर्णाश्रम धर्म, योग, तीर्थ, गीता ज्ञान आदि को बताता है।
श्लोक – 17,000

16. मत्स्य पुराण
भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से संबंधित यह पुराण सृष्टि, मन्वंतर, अवतार, तीर्थ, वास्तु, युग, राजा ययाति व नल चरित्र आदि को समेटे हुए है।
श्लोक – 14,000

17. गरुड पुराण
यह मृत्यु के बाद की स्थितियों, यमलोक, श्राद्धकर्म, नरक, दान, तर्पण आदि का विस्तृत विवरण देता है।
श्लोक – 19,000

18. ब्रह्माण्ड पुराण
इसमें ब्रह्माण्ड रचना, वेद, तीर्थ, श्रीकृष्ण चरित्र, लंका का वर्णन, व्रतों का माहात्म्य, भविष्यवाणी, आदिकालीन राजाओं का इतिहास वर्णित है।
श्लोक – 12,000