नौ गृह और उनके तत्व

आज हम ग्रहों और राशियों के तत्वों की जानकारी प्राप्त करेंगे।
नौ गृह और उनके तत्व
सूर्य
सूर्य एक अग्नि तत्व गृह कहलाते हैं। सूर्य से अग्रेशन भी देखा जाता है और सामाजिक मान प्रतिष्ठा का भी अध्ययन किया जाता है।
सूर्य ग्रह रहस्य वैदिक ज्योतिष
चंद्र
मन के कारक चन्द्रमा को एक जल तत्व गृह के रूप में जाना जाता है। हमारे शरीर में मौजूद रक्त का ७५% हिस्सा पानी ही है जिस पर चन्द्रमा का ही अधिकार है।
मंगल
अग्रेशन, शारीरिक बल और पराक्रम के कारक मंगल एक अग्नि तत्व गृह के रूप में जाने जाते हैं।
बुद्ध
बुद्धगृह का सम्बन्ध प्रुथ्वो तत्व से कहा गया है। जातक दूसरों की सहायता करे गाया नहीं इसके लिए बुद्धदेव का निरिक्षण किया जाता है।
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वृहस्पति
देव गुरु वृहस्पति आकाश तत्व से सम्बंधित हैं। ये हर जगह मौजूद रहते हैं। इन्हें एक साधू की तरह देखा जाता है। जातक संवेदनशील है या नहीं? क्या दूसरों के दुःख दर्द में सहायता करेगा ? इन सब चीजों को जानने के लिए गुरु का अध्ययन आवश्यक होता है
शुक्र
सभी प्रकार के ऐशो आराम के कारक शुक्र देवता एक जल तत्व गृह हैं।
शनि
न्याय के देवता शनिदेव एक वायु तत्व गृह हैं।
राहु
न्यायधीश शनिदेव की तरह राहु भी वायु तत्व से सम्बंधित है।
केतु
शनि व्राहु की तरह ही केतु केतु भी एक वायु तत्व गृह है।
राशियां और उनके तत्व
ग्रहों की ही तरह राशियों के भी अपने अलग अलग तत्व हैं जिनकी जानकारी एक ज्योतिर्विद को होना परम आवश्यक है। आइये जानते हैं राशियों और उनके तत्वों के बारे में
मेष, सिंह और धनु राशि के तत्व
ये तीनो ही क्षत्रीय वर्ण राशियां हैं और अग्नि तत्व से सम्बन्ध रखती हैं।
वृष, कन्या और मकर राशि के तत्व
ये राशियां वैश्य वर्ण से सम्बंधित हैं और पृथ्वी तत्व राशियां हैं।
मिथुन, तुला और कुम्भ राशि के तत्व
इन राशियों का सम्बन्ध शूद्र वर्ण से है और ये वायु तत्व राशियां हैं।
कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के तत्व
ब्राह्मण तत्व से सम्बंधित इन राशियों का सम्बन्ध जल तत्व से है।
अगले आर्टिकल में थोड़ा और आगे बढ़ेंगे थोड़ा और जानेंगे। तब तक के लिए नमस्कार पर विज़िट करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार।