बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर — 19 अक्टूबर 2025

बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर — 19 अक्टूबर 2025

19 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:57 पर देवगुरु बृहस्पति का गोचर कर्क राशि में होगा, जो उनकी उच्च राशि मानी जाती है। इस स्थिति में बृहस्पति अत्यंत शुभ फलदायी माने जाते हैं। धर्म, ज्ञान, संतान, विवाह, शिक्षा, और भाग्य से जुड़े कार्यों में प्रगति होती है। समाज में मान-सम्मान बढ़ता है, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और मन में सकारात्मकता आती है। यह गोचर विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी रहेगा जो शिक्षा, धर्म, राजनीति, अध्यात्म या परामर्श के क्षेत्र से जुड़े हैं।

मेष राशि (Aries)

गोचर भाव: चतुर्थ भाव (घर, माता, सुख और संपत्ति का भाव)
यह समय गृहस्थ जीवन के लिए बहुत शुभ है। घर के वातावरण में शांति और आनंद रहेगा। माता का स्वास्थ्य सुधरेगा।
नया घर, वाहन या जमीन खरीदने के योग हैं। मन में स्थिरता और आत्मिक शांति रहेगी। नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर संतुलन बनाए रखने में सफलता मिलेगी।
उपाय: पीले चने का दान करें और विष्णु जी की आराधना करें।

वृषभ राशि (Taurus)

गोचर भाव: तृतीय भाव (साहस, संचार, प्रयास और भाई-बहन)
यह गोचर आपको नई ऊर्जा देगा। आपके विचार प्रभावशाली बनेंगे और आप अपने प्रयासों से सफलता प्राप्त करेंगे।
भाई-बहनों से सहयोग मिलेगा। लेखन, मीडिया, और कम्युनिकेशन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय लाभकारी रहेगा।
छोटी यात्राएँ फायदेमंद होंगी। वाणी में मिठास बनाए रखें।
उपाय: केले के पेड़ की नियमित पूजा करें।

मिथुन राशि (Gemini)

गोचर भाव: द्वितीय भाव (धन, वाणी, परिवार)
धन और पारिवारिक जीवन में सुधार का समय है। बचत में वृद्धि होगी और नए आय स्रोत मिलेंगे।
किसी पुराने विवाद का समाधान संभव है। वाणी मधुर होगी जिससे आपके संबंध मजबूत बनेंगे।
भोजन और स्वास्थ्य पर ध्यान दें — अधिक तैलीय चीज़ों से बचें।
उपाय: गुरुवार को चने की दाल और हल्दी दान करें।

कर्क राशि (Cancer)

गोचर भाव: लग्न (स्वयं, व्यक्तित्व, आत्मविश्वास)
यह बृहस्पति के लिए सबसे शुभ स्थिति है क्योंकि यह उनकी उच्च राशि भी है।
आपके व्यक्तित्व में तेज, आकर्षण और प्रभाव बढ़ेगा। निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी।
मान-सम्मान और पदोन्नति के योग बनेंगे। विवाह या संतान से सुख मिलेगा।
जो लोग अध्यात्म या राजनीति से जुड़े हैं उन्हें सम्मान और नेतृत्व का अवसर मिलेगा।
उपाय: बृहस्पतिवार को पीले फूल और हल्दी चढ़ाएं।

सिंह राशि (Leo)

गोचर भाव: द्वादश भाव (व्यय, विदेश, मोक्ष)
इस अवधि में विदेश से जुड़े कार्यों में लाभ होगा। जो लोग आध्यात्मिक या ध्यान में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह गोचर उत्तम रहेगा।
खर्च बढ़ सकते हैं लेकिन वे सुखद कार्यों पर होंगे।
स्वास्थ्य पर ध्यान दें, और शत्रुओं से सतर्क रहें।
उपाय: भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें।

कन्या राशि (Virgo)

गोचर भाव: एकादश भाव (लाभ, इच्छाएँ, मित्र)
आपकी कई मनोकामनाएँ पूरी होंगी। मित्रों और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
बिजनेस या निवेश से अच्छा लाभ मिलेगा। नेटवर्किंग और नए संपर्कों से फायदा होगा।
पुरानी योजनाएँ सफल होंगी और मन प्रसन्न रहेगा।
उपाय: गुरुवार को गौशाला में चारा डालें।

तुला राशि (Libra)

गोचर भाव: दशम भाव (कर्म, पद, प्रतिष्ठा)
यह समय करियर उन्नति का है। नई जिम्मेदारियाँ और नेतृत्व का अवसर मिलेगा।
व्यवसाय में विस्तार और नए अनुबंधों के योग हैं।
वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। जो लोग नौकरी बदलना चाहते हैं उन्हें अच्छा अवसर मिलेगा।
उपाय: गुरु के मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का 108 बार जाप करें।

वृश्चिक राशि (Scorpio)

गोचर भाव: नवम भाव (भाग्य, धर्म, यात्रा, उच्च शिक्षा)
भाग्य का सितारा इस समय चमकेगा। लम्बे समय से रुके कार्य पूरे होंगे।
धार्मिक यात्राएँ संभव हैं। उच्च शिक्षा और विदेश से जुड़े प्रयास सफल होंगे।
पिता का सहयोग और आशीर्वाद मिलेगा।
उपाय: पीले कपड़े पहनें और बृहस्पति मंत्र का जाप करें।

धनु राशि (Sagittarius)

गोचर भाव: अष्टम भाव (गोपनीयता, परिवर्तन, शोध)
यह समय आपको गहराई और आत्म-विश्लेषण की ओर ले जाएगा।
अचानक धन लाभ या पैतृक संपत्ति से फायदा संभव है।
स्वास्थ्य का ध्यान रखें और तनाव से बचें।
आध्यात्मिक या गूढ़ विद्याओं की ओर आकर्षण रहेगा।
उपाय: शिवलिंग पर हल्दी जल चढ़ाएं।

मकर राशि (Capricorn)

गोचर भाव: सप्तम भाव (विवाह, साझेदारी, संबंध)
यह गोचर वैवाहिक जीवन के लिए शुभ है। अविवाहित लोगों के लिए विवाह योग प्रबल होंगे।
व्यापारिक साझेदारी में लाभ होगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।
संबंधों में स्थिरता और प्रेम बढ़ेगा।
उपाय: पीले पुष्प और गुड़ का दान करें।

कुंभ राशि (Aquarius)

गोचर भाव: षष्ठ भाव (शत्रु, ऋण, रोग)
पुराने रोग और बाधाएँ समाप्त होंगी। कार्यक्षेत्र में प्रतिस्पर्धा में विजय मिलेगी।
कर्ज चुकाने में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा।
शत्रुओं पर विजय और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
उपाय: पीले वस्त्र धारण करें और हल्दी तिलक लगाएँ।

मीन राशि (Pisces)

गोचर भाव: पंचम भाव (संतान, शिक्षा, प्रेम)
यह गोचर अत्यंत शुभ है। संतान से सुख मिलेगा।
छात्रों को शिक्षा में उत्कृष्ट परिणाम मिलेंगे।
प्रेम संबंध मजबूत होंगे और रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी।
निवेश से लाभ और आत्मिक संतोष रहेगा।
उपाय: भगवान विष्णु को केले का भोग लगाएँ।

सारांश :

बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर पूरे विश्व में ज्ञान, धर्म, सत्य और करुणा का प्रसार करेगा। जिनका कर्म सच्चा और निष्ठा पूर्ण है, उनके जीवन में यह गोचर नई दिशा और समृद्धि लेकर आएगा।